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आजकल सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज के वीडियो काफी वायरल होते रहते हैं। लोग उनके प्रवर्चन सुनते हैं और उनकी सीख और सिद्धांतों को जीवन में फॉलो करते हैं।
वृंदावन के प्रेमानंद महाराज जी अपने सतसंग में भक्तों के कई सवालों का जवाब देते हैं। लोग अपने मन के सवालों का समाधान लेने उनके पास आते हैं।
कई बार प्रवचन के दौरान वे अपना मुँह गीले कपड़े से पोंछते हैं और कई लोगों का ध्यान इस पर भी गया कि वे बार बार अपना मुँह क्यों पोछते हैं?
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इसी के बारे में जवाब देते हुए महाराज जी ने बताया था कि अपने शरीर की स्तिथि के कारण वे बार बार पानी नहीं पी सकते हैं और उनके लिए पानी पीना मुश्किल है।
महाराज जी ने बताया कि जब भी पानी की इच्छा होती है तो इससे मुंह पौंछ लेते हैं ताकि राहत मिले। उन्होंने कहा हमारा डायलिसिस होता है और इसलिए पानी पीने की मनाही है। लेकिन प्रवचन देते देते मुँह सूखने लगता है।
बहुत ज्यादा प्यास लगती है तो एक छोटे से कुल्हड़ में पानी दिया जाता है। पहले गिलास के दूसरा गिलास मांगते हैं तो यह संकोच करने लगते हैं। तीसरा गिलास पानी का मांगने पर साफ मना कर देते हैं।
इसलिए हम अपने पास हमेशा गीला कपड़ा रखते हैं और ज्यादा बोलने से प्यास लगने पर इससे मुंह गीला कर लेते हैं।
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